भारत की सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा दाव पर है ।
दिल्ली विश्वविद्यालय अपने विश्वसनीयता और शैक्षणिक स्तर को लेकर के न केवल भारत में बल्कि भारत के बाहर भी विख्यात है ।
लेकिन पहले बिहार यूपी और अब दिल्ली परीक्षाओ में होने वाली गड़बड़झाला के लपेट में आरही है ।
दिल्ली विश्विद्यालय की एक एक सीट अमूल्य है ऐसे में किसी भी तरह की गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा न केवल निंदनीय है बल्कि घोर अपराध् है जो कई छात्रो के भविष्य को बर्बाद करने जैसा होगा ।
क्या है पूरी घटना ?
नया शैक्षणिक स्तर प्रारंभ होने वाला है और इन दिनों कालेज में प्रवेश की परीक्षाये चल रही है । और आज दिनांक 2 जुलाई 2017 को राजनीतिक विज्ञान के मास्टर्स यानि M.a. की प्रवेश परीक्षा आयोजित होनी थी ।
कृष्ण कुमार अग्रवाल भी इस परीक्षा में अपनी पूरी तयारी के साथ बैठे थे । लेकिन आज जो कुछ उन्होंने अनुभव किया या जो कुछ घटित हुआ वो न केवल शर्मनाक था बल्कि विश्विद्यालय के लिये घोर चिंता का विषय है ।
परीक्षा का केंद्र हिन्दू कालेज था । कमरा न 29 में कृष्णा कुमार अग्रवाल अपने उत्तर पुस्तिका पर सुबह 7.50 पर रोल न आदि जानकारी भर रहे थे । तभी उनके बगल की सीट में एक छात्र आता है और प्रश्न पत्र की तस्वीरें खीचने लगता है ।
और वहा मौजूद शिक्षक इंचार्ज भी उसकी मदद कर रहे होते है ,।
और साथ में यह भी बोलते है
” बस बस होगया अब जल्दी जल्दी कर नही तो कोई आजायेगा ” लगातार तस्वीरों को खीचते देख कृष्ण कुमार वहा मौजूद शिक्षक से अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए यह कहते है की सर ये आप क्या करवा रहे है ??
और उस छात्र से भी यह कहा की “तुम ये सब क्या कर रहे हो ?”
और जब कृष्ण ज़ोर ज़ोर से चिल्लने लगे तो वह छात्र वहा से दौड़ कर के बाहर के रास्ते निकल गया ।
ज्ञात हो की प्रवेश परीक्षा का प्रारूप objective होता है और तुरन्त इसके उत्तर कम समय में ढूंढे जा सकते है ।
उस छात्र के जाने के बाद कृष्ण ने टीचर इंचार्ज से वहा के एग्जाम सुपरिटेंडेंट या  exam dept head  से तुरन्त मिलने के लिए निवेदन किया । वहा मौजूद शिक्षक गार्ड सहित ने उन्हें पूर्ण आश्वाशन दिया की आप अपनी  सीट पर बैठ जाइये नही हम तुरन्त उन्हें बुलाते है ।
कृष्ण जैसे तैसे पेपर देने लगे और पेपर पूर्ण होने तक  exam सुप्रिटेंडेंट नही आये ।
परीक्षा के बाद कृष्ण ने परीक्षा कार्यलय की काफी खोजबीन की पर वह नही मिला बाद में वो उप परीक्षा सुपरिटेंडेंट librarian संजीव दत्त शर्मा से मिले और उन्हें पूरी घटना बताई ।
सर ने उन्हें लिखित में शिकायत लिखने के लिए कहा । कृष्ण ने वो शिकायत लिखी( वो application इस न्यूज़ रिपोर्ट में संलिप्त है )।
लेकिन उस आवेदन के बदले उन्हें receiving नही दी गयी।
Receipt को लेकर कृष्ण बार बार जिद करने लगे , लेकिन उन्हें यह आश्वाशन दिया गया की चिंता मत करो कार्यवाही हो जायेगी हम पर भरोसा रखो हम receipt नही दे सकते ।
कृष्ण नह माने और प्रिंसिपल मैडम से मिलने की बात कही ,काफी देर प्रतीक्षा करने के बाद भी मैडम से मुलाकात नही हो पाई, लेकिन उन्हें फिर आश्वाशन दिया गया की मैडम आपसे मिलना चाहती है लेकिन आप कल आइयेगा ।
मजबूरन कृष्ण कुमार अग्रवाल को वापस आना पड़ा ।
लेकिन कृष्ण ने अभी भी हार नही मानी है और cctv  फुटेज चेक करवाने एवम् कड़ी कार्यवाही हेतु अपनी प्रतिबद्धता का विश्वास दिखाते हुये डीयू न्यूज़ को जानकारी दी ।
बस बदले में पुरे दिल्ली विश्यविद्यालय के समस्त छात्र एवम् शिक्षको का समर्थन माँगा है जिससे इन अपराधियो पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो सके और फिर कोई विश्विद्यालय के स्वर्णिम इतिहास और इसकी प्रतिष्ठा एवम् सम्मान को कम या खत्म न होने दे  ।
यह अपराध हैउस छात्र के प्रति जो बाहर से यह पढ़ने आता है , परिश्रम कर के एक एक अंक अर्जित करता है साथ ही ये अपराध है उस शिक्षक के प्रति जो ईमानदारी से मेहनत कर के अपने पसीने से दिल्ली विश्वविद्यालय की बुनियाद तैयार की ।
इस अन्याय इस अपराध के लिये हम सबको सामने आना होगा । और कड़ी कार्यवाही की मांग करनी होगी नही तो ये परम्परा शुरू होगयी तो रोग की तरह हर जगह फैल कर शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र को दुषित कर देगी ।
Immediate  action is must.
-Reporter  Saurabh Dubey

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